IFS यानि Indian Foreign Service एक ऐसा पद है जिसका सपना हर कोई छात्र देखता है।

इस ब्लॉग में जानेंगे की इसकी तैय्यारी कैसे कार सकते है। UPSC अन्य सिवल सर्विस के परीक्षाओं की तरह IFS के परीक्षा को कन्डक्ट करती है।
civil service exam के अंतर्गत कई सर्विस जैसे IAS, IPS, IFS, IRS सहित 24 तरह के सर्विस है जिनको UPSC द्वारा पालन किया जाता है।
यह जानना जरूरी है की IAS,IPS और IFS का इग्ज़ैम एक ही होता है।
एक IFS ऑफिसर को ही diplomates या ambassador कहा जाता है। देश के कई तरह के महत्वपूर्ण विचारों पर एक IFS ऑफिसर विदेशों में जाकर सरकार का पक्ष रख चर्चा करते है।
एक IFS ऑफिसर बनने के लिए किन चीजों की आवश्यकता है जानते है –
- क्वालफकैशन(qualification) क्या होनी चाहिए-
इस इग्ज़ैम को देने के लिए आपका ग्रैजवैशन होना जरूरी है। अगर आप किसी भी स्ट्रीम से ग्रैजूइट है या फिर
फाइनल एयर के छात्र है तब भी आप UPSC का फॉर्म भर सकते है। अगर आप B.A, B.COM, B.SC, BBA, BCA, ENGINEERING या MEDICAL के स्टूडेंट्स है तब भी आप फॉर्म भर सकते है।
Apply करने के लिए https://upsc.gov.in/ वेबसाईट पर जाकर अधिक जानकारी पा सकते है।
IAS, IPS के लिए भारतीय नागरिक होना अनिवार्य है। परंतु IFS और IRS के लिए candidate माइग्रैट हो सकते है।
नेपाल,भूटान के माइग्रैट हो सकते है।
ज्यादातर फरवरी महीने में फॉर्म निकलता है इसलिए candidate को इसकी जानकारी होनी चाहिए।
- Age criteria क्या होती है-
General के लिए 21-32 (साल)
OBC के लिए 21-35 (साल)
SC/ST के लिए 21-37 (साल)
अगर आप जम्मू और कश्मीर से है तो General के लिए 21-37 (साल)
Physically Disabled candidate के लिए 10 साल छूट है यानि 21-42 ( साल)
Blind एण्ड DEAF कैनडिडेट के लिए –
General के लिए 21-37 (साल)
OBC के लिए 21-38 (साल)
SC/ST के लिए 21- 40 ( साल)
- कितने अटेम्प्ट मिलते है –
जनरल कैनडिडेट के लिए 6 अटेम्प्ट ( 32 वर्ष तक)
ओबीसी के लिए 9 अटेम्प्ट (35 वर्ष तक)
एससी/एसटी के लिए कोई लिमिट नहीं ( 37 वर्ष तक )
जम्मू और कश्मीर के लिए : जो भी उम्र की सीमा तय गई हो।
अटेम्प्ट तभी गिने जाएंगे जब आप prelims में बैठेंगे। फॉर्म भरने से अटेम्प्ट नहीं गिना जाएगा।
Preliminary परीक्षा क्लीआर करने का आकड़ा काफी काम मात्र है। क्युकी इग्ज़ैम काफी कठिन होता है।
जिसमे लाखों कैनडिडेट में से मात्र 0.21 प्रतिशत छात्र ही माइंस इग्ज़ैम में बैठ पते है।
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की UPSC इग्ज़ैम को क्लीर करने में कितनी मेहनत लगती है।
इग्ज़ैम पैटर्न कैसा होता है-
UPSC के इग्ज़ैम को तीन पैटर्न में बाटा गया है।
- Preliminary Examination(objective type) – प्रिलिमिनरी परीक्षा –
एक दिन का इग्ज़ैम होता है।
जो MAY के महीने में लिया जाता है।
200-200 अंक के दो पेपर होते है।
negative mark यानि गलत जवाब पर 1/3 का कट ऑफ होता है।
General studies पेपर -1, 200 अंक का लिया जाता है। जो 2 घंटे का होता है।
अगर बात करे की इसमें किस विषय से प्रश्न पूछे जाएंगे तो यह इस प्रकार है-
- Current events of National and International Importance (राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्व की समसामयिक घटनाएँ)
- History of India and Indian National Movement(भारत का इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन)
- Indian and World Geography(भारतीय एवं विश्व भूगोल)
- Indian Politics and Governance (भारतीय राजनीति और शासन)
- Economics and social development (अर्थशास्त्र और सामाजिक विकास)
- General issues of Environmental ecology, Biodiversity and Climate Change (पर्यावरण पारिस्थितिकी, जैव विविधता और जलवायु परिवर्तन के सामान्य मुद्दे)
- General Science (सामान्य विज्ञान)
General Studies paper-2. CSAT( CIVIL SERVICES APTITUDE TEST) 200 अंक और समय 2 घंटे
अगर बात करे की इसमें किस विषय से प्रश्न पूछे जाएंगे तो यह इस प्रकार है-
- Comprehension (समझ)
- International Skills Including Communication Skills( संचार कौशल सहित अंतर्राष्ट्रीय कौशल)
- Logical Reasoning & Analytical Ability(तार्किक तर्क एवं विश्लेषणात्मक क्षमता)
- Decision- Making & Problem – solving (निर्णय लेना एवं समस्या समाधान)
- General Mental Ability (सामान्य मानसिक योग्यता)
- Basic numeracy (class 10th level) (बुनियादी अंकगणित (कक्षा 10वीं स्तर))
- Data Interpretation ( class 10th level) (डेटा इंटरप्रिटेशन (कक्षा 10वीं स्तर))
प्रिलिमस परीक्षा क्लीअर करने के बाद Mains इग्ज़ैम में बुलाया जाता है। यह इग्ज़ैम 5 दिन का होता है और सितंबर में लिया जाता है।
Mains में कुल 9 पेपर का इग्ज़ैम होता है। और हर पेपर 3 घंटे का होता है।
इग्ज़ैम अंग्रेजी और हिन्दी दोनों भाषाओ में उपलब्ध है यानि आप अंग्रेजी और हिन्दी कोई भी भाषा चुन सकते है अपने सुविधा के अनुसार।
Mains में कौन सी टॉपिक शामिल है यह जानते है –
- इंडियन लैंग्वेज पेपर
- इंग्लिश लैंग्वेज पेपर
- एसे पेपर
- जनरल स्टडीस पेपर 1
- जनरल स्टडीस पेपर 2
- जनरल स्टडीस पेपर 3
- जनरल स्टडीस पेपर 4
- ऑप्शनल पेपर 1
- ऑप्शनल पेपर 2
इंडियन लैंग्वेज पेपर और इंग्लिश लैंग्वेज पेपर क्वालिफाईंग पेपर होता है। जिसको क्लीर करना जरूरी है।
कुल 9 पेपर में इन दो पेपर में 20% मार्क्स लाना जरूरी है पर यह मेरिट लिस्ट बनाने में जोड़ा नहीं जाता है।
बाकी के 7 पेपर बचते है जिनका टोटल मार्क्स 1750 का होता है। प्रत्येक पेपर 250 मार्क्स का होता है।
पेपर 1 में निबंध (essay) लिखना है।
पेपर 2 – जनरल स्टडीस -1 ( इंडियन हेरिटिज एण्ड कल्चर, हिस्ट्री एण्ड जीआग्रफी ऑफ द वर्ल्ड एण्ड सोसाइटी)
पेपर 3 – जनरल स्टडीस 2 ( गवर्ननेन्स, कान्स्टिटूशन, पालिटी, सोशल जस्टिस एण्ड इंटरनेशनल रिलेशन्स)
पेपर 4- जनरल स्टडीस -3 ( टेक्नॉलजी, इकनॉमिक डेवलपमेंट, बाइओडाइवर्सटी, सिक्युरिटी एण्ड डीसासटर मानेजमेंट)
पेपर 5- जनरल स्टडीस 4 ( एथिक्स, इन्टेग्रिटी एण्ड ऐप्टिटूड )
पेपर 6 – ऑप्शनल सब्जेक्ट 1
पेपर 7 – ऑप्शनल सब्जेक्ट 2
Mains में कोई नेगटिव मार्किंग नहीं की जाती है पर अत्यधिक गलती करने पर पनल्टी मार्किंग की जाती है।
सबसे इन्टरिस्टिंग बात यह है की ऑप्शनल सब्जेक्ट 1 और 2 ऐसे पेपर है जहाँ कैनडिडेट सबसे ज्यादा मार्क्स ल सकते है क्युकी वे खुद इसे चुन सकते है। जो अपने पसंदीदा सब्जेक्ट चुन सकते है।
Mains के बाद इंटरव्यू लिया जाता है। जो की 275 मार्क्स का होता है। इसमें candidate से लाजिकल सवाल पूछे जाते है। और यह जानने की कोशिश करते है की आखिरकार रियल वर्ल्ड में वे किसी भी सिचूऐशन को कसी डील कार सकते है।
फाइनल इंटरव्यू के बाद मेरिट लिस्ट निकाला जाता है। यानि कुल 2025 मार्क्स में से जिसके जीतने अधिक मार्क्स मिलेंगे।
उन्हे मेरिट लिस्ट के हिसाब से उच्च अधिकारी पोस्ट में भर्ती मिलती है।
निष्कर्ष- UPSC परीक्षा कोई सामान्य परीक्षा नहीं है। कैनडिट को काफी मेहनत करता पड़ता है।
और अपने स्किल्स एण्ड ज्ञान को काफी डिवेलप करना पड़ता है।
IFS ऑफिसर का काम क्या होता है?-
IFS ऑफिसर एक डिप्लमैटिक पर्सन होता है। एक IFS ऑफिसर भारत को दूसरे foreign देशों में भारत को रेप्रिज़ेन्ट करते है।
भारत का अन्य देशों से संबंध विकसित करने में एक IFS ऑफिसर का खास काम काम होता है।
इसलिए इनका विदेशों में प्राय आना और जाना होता है।
एक IFS ऑफिसर के कंधे पर काफी जिम्मेदजरी होती है। जो सरकार के नीति और नियमों को समझकर विदेशों में अपने देश का मान और सम्मान ऊंचा रखने में सक्षम होना पड़ता है।
ट्रैनिंग कैसी होती है-
IFS सिलेक्शन के बाद LBSNAA( LAL BAHADUR SHASHTRI NATIONAL ACADEMY OF ADMINISTRATION) में 15 दिन का फाउंडेशन कोर्स होता है।
इसके बाद SUSHMA SWARAJ FOREIGN SERVICE INSTITUTION OF INDIA, दिल्ली भेज दिया जाता है।
यहां आकर इंटरनेशनल रीलैशन थ्योरी, मिलिटरी डिप्लोमसी, इंडिया फारन पोलेसी, हिस्ट्री, इंटरनेशनल लॉ , डिप्लमैटिक प्रैक्टिस, हॉस्पिटलिटी, प्रोटोकॉल एण्ड ऐड्मिनिस्ट्रैशन की ट्रैनिंग दी जाती है।
इंडियन डिफेन्स फोर्स जैसे Army, Navy ,Air फोर्स एण्ड CPAF के साथ अटैच्मन्ट प्रोग्राम में भी भेजा जाता है।
यह कुल 1 वर्ष का ट्रैनिंग होता है।
सैलरी कितनी मिलती है?-
एक IFS ऑफिसर को न्यूनतम 60 हजार से लेकर 2.5 लाख तक सैलरी मिलती है।
निष्कर्ष : हमने इस ब्लॉग में यह जाना की IFS की टेयरी के लिए UPSC या CIVIL SERVICE की परीक्षा में बैठना पड़ता है।
पढ़ाई काफी मेहनत से करनी पड़ती है और देश और दुनिया के खबर रखनी पड़ती है। इसके लिए current affairs और News पढ़ना पड़ता है।
शांत मन से और मेहनत से UPSC की परीक्षा में सफल ओ सकते है।